चंद्रयान-3 की चाँद पर ऐतिहासिक लैंडिंग सफल

भारत ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि 23 अगस्त 2024 को शाम 6:04 बजे हासिल की गई। चंद्रमा के इस क्षेत्र में उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है।चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतर गया। इसके साथ ही लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने भी सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया है। यह रोवर अब चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक प्रयोग करेगा और डेटा पृथ्वी पर भेजेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी और इसे 140 करोड़ भारतीयों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल विज्ञान और तकनीक की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की नई संभावनाओं और महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक भी है। इस सफलता ने भारत को विश्व स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है और इसे अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल कर दिया है।चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सटीक और सुरक्षित लैंडिंग करना, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में जानकारी जुटाना और इसके भूगर्भीय संरचना का अध्ययन करना था। यह मिशन 14 दिन तक चलेगा, जिसके दौरान चंद्रमा की सतह पर कई महत्वपूर्ण डेटा एकत्रित किए जाएंगे।

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