मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाज आज भी चार विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा में नहीं आए। उनको कानून का पालन करना चाहिए। ममता बनर्जी ने दो विधायकों पर लगाए गए 500 रुपये के जुर्माने को अभूतपूर्व करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से निवेदन करती हूं कि वे मानकों का पालन करें।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन और सरकार के बीच चल रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को बंगाल विधानसभा में स्पीकर बिमान चटर्जी ने चार और टीएमसी विधायकों को शपथ दिलाई। वहीं सदन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर हमला बोला। उन्होंने राज्यपाल पर विधानसभा के कामकाज में बाधा पैदा करने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि केंद्र द्वारा नामित कोई व्यक्ति कैसे जनता द्वारा चुने गए व्यक्तियों के भाग्य का फैसला कर सकता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाज आज भी चार विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा में नहीं आए। उनको कानून का पालन करना चाहिए। ममता बनर्जी ने दो विधायकों पर लगाए गए 500 रुपये के जुर्माने को अभूतपूर्व करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से निवेदन करती हूं कि वे मानकों का पालन करें। आप किसी राजनीतिक दल से भेदभाव नहीं कर सकते। आपने उस कानून के तहत जुर्माना लगाया, जिसे अंग्रेजों ने बनाया था। आपको परंपरा का सम्मान करने की जरूरत है। अब आप पर दंड कौन लगाएगा। ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि क्या राज्यपाल को पैसे चाहिए, अगर ऐसा है तो मुझे बता दें, मैं इसका इंतजाम कर दूंगी।
उन्होंने कहा कि दो विधायकों को शपथ ग्रहण कराने का जिम्मा आपने डिप्टी स्पीकर को सौंपा। उन्होंने इसे स्पीकर को सौंप दिया, क्योंकि वह चेयर पर थे, तो इसमें क्या गलत है? मंत्री अक्सर राजभवन में शपथ लेते हैं और विधायक विधानसभा में शपथ लेते हैं। यह आदर्श है। वहीं स्पीकर ने चार टीएमसी विधायकों को शपथ दिलाई।
वहीं भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह को असंवैधानिक बताया और इसका बहिष्कार किया। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि राज्यपाल की मंजूरी के बिना विधायकों को शपथ कैसे दिलाई जा सकती है? क्या यह असंवैधानिक नहीं है? हम संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन की निंदा करते हैं।
विस उपचुनाव में बरहनगर से जीतने वाली सायंतिका और भागबंगोला निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले रेयात को 5 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने शपथ दिलाई थी। हालांकि, राज्यपाल बोस ने उपसभापति आशीष बनर्जी को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। बोस ने पत्र में कहा कि विधायकों के शपथ ग्रहण के संबंध में राज्यपाल के आदेश का अनुपालन नहीं करना संसदीय प्रक्रिया और संवैधानिक प्रक्रिया के खिलाफ है। संयोग से, दोनों विधायकों को शपथ दिलाने के बाद बिमान ने कहा था कि राज्यपाल का पत्र स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि विधानसभा सत्र चल रहा है। उन्होंने रूल्स ऑफ विजनेस के 2 नंबर अध्याय की धारा 5 के अनुसार सायंतिका-रेयात को शपथ दिलाई।