संजय शिरसाट ने कहा, “जब भी कोई राजकीय पेच आता है या उन्हें सोचने के लिए समय चाहिए होता है, तो वह दरयागांव को प्राथमिकता देते हैं. वहां न उनका मोबाइल लगता है, न उनसे संपर्क हो पाता है. शांति से विचार कर, वह वहां से बड़ा निर्णय लेकर लौटते हैं.”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं, महायुति ने बंपर वोटों के साथ वापसी की है, लेकिन राज्य में सीएम कौन होगा, अभी ये क्लियर नहीं हुआ है. एक तरफ जहां बीजेपी में कई दौर की बातचीत हो चुकी है तो वहीं एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) भी अपनी-अपनी नीति बना रहे हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही इसी उथल-पुथल के बीच एकनाथ शिंदे का दरयागांव जाना सुर्खियों में है. शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट का कहना है कि, जब भी मुख्यमंत्री को कोई बड़ा राजनीतिक फैसला लेना होता है या वह मुश्किल परिस्थितियों में फंसते हैं, तो वह अपने गांव दरयागांव जाते हैं. संजय शिरसाट ने कहा, “जब भी कोई राजकीय पेच आता है या उन्हें सोचने के लिए समय चाहिए होता है, तो वह दरयागांव को प्राथमिकता देते हैं.