सरकार NEET परीक्षा के 47 दिन बाद NTA में सुधार के लिए कमेटी बनाने का फैसला कर चुकी है, जो NTA में सुधार सुझाएगी. जबकि छात्र समस्या की जड़ में जाना चाहते हैं. स्टूडेंट्स आक्रोश में हैं. उनका कहना है कि ऐसी कौन सी बात है कि जो बार-बार पेपर लीक हो जा रहे हैं. बता दें कि NTA को साल 2018 में बनाया गया लेकिन उसकी स्थापना के बाद से तकरीबन हर साल परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगे हैं.
NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके, लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून (शुक्रवार) की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है, लेकिन इसने NTA को लेकर छात्रों की आशंका को बढ़ाने का ही काम किया है. ऐसे में सवाल ये है कि जिस एजेंसी का गठन परीक्षा में भरोसा बढ़ाने के लिए किया गया, उसकी विश्वसनीयता खत्म होने के लिए कौन जिम्मेदार है?